Saturday, May 12, 2018

GOVINDA PANCHARATNAH ( गोविन्द पञ्चरत्नः )

GOVINDA PANCHARATNAH ( गोविन्द पञ्चरत्नः )

ब्रम्हाण्ड पूर्ण ऊर्जित दश अङ्गुलाय | 
ब्रह्मादि देवाच्युत सेव्यकाय ||
ब्रह्मर्षि कुम्भोद्भव वर्णिताय | 
नमोस्तु गोविन्द विद गोविदाय || 1 ||
                                                                                                                      
मूल स्वरूपे तव उग्र स्थिताय | 
मूलाधारैक विक्रम नन्दिताय ||
माणिक्य मुकुटांबरालन्कृत दीर्घकाय |      
नमोस्तु गोविन्द विद गोविदाय || 2 ||                                                               

सर्वोपाधि विनिर्मुक्त भवद्विभाय | 
सर्व देश काल परिच्छिन्न वेद्य वर्जिताय ||
सर्वोपनिषद द्रष्टाय सर्व्यापकाय | 
नमोस्तु गोविन्द विद गोविदाय || 3 ||

चतुर्भुज अभयकर शोभिताय | 
चैतन्य चल चक्र धनुर्धराय ||
चित्कलानन्द पद्म शेष स्थिताय | 
नमोस्तु गोविन्द विद गोविदाय || 4 ||

पाशान्कुशधर संस्तुत सेविताय | 
परात्पर देवाSमर वन्दिताय ||
प्रज्ञान पूर्ण पंकज लोचनाय | 
नमोस्तु गोविन्द विद गोविदाय || 5 ||

इमानि पञ्चरत्नानि त्रिसन्ध्यः यः पठेन्नरः | 
सर्व पाप विनिर्मुक्तः 
सयाति परमाम्  गतिम् ||

इतिश्री द्वैपायनाचार्य विरचित गोविन्द पञ्चरत्नं  संपूर्णं 

|| श्री लक्ष्मी गोविन्दराजार्पणमस्तु ||


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